भारत मे आज लोगो कि स्थिति बढ़ते महगाई को लेकर बेहद दयनीय हो गई है ! आमदनी का ज्यादा हिस्सा बढ़ी हुई महगाई के भेँट चढ़ जाता है ! आम आदमी ये सोच रहा है की कल क्या होगा ? कोई सुरक्षित कल की बात नहीं कर रहा है ! ऐसी परीस्थितिया बन कर सामने आ रही है कि हर कोई लुटने बाला ही लगता है ! मै ये सब लिख कर आपको डराने कि बात नहीं कर रहा हु बल्कि एक सच्चाई से शब्दों के द्वारा रूबरू कराने का प्रयास कर रहा हु क्यूंकि मै जितना अपने आप को जानता हु उतना आप भी अपने आप को जानते है और यही आम आदमी होने का सच है ! आप अगर अपने आप को टटोले तो पायेंगे कि मुश्किलो की भारी से भारी हालात मे आपने अपना रास्ता खुद बनाया है और इस समय भी रास्ता आप खुद ही बना सकते है ! जरुरत है उस दिशा की जिसके ऊपर आप चल सके ! अभी भारत की आबादी का 65 % पैसठ प्रतिशत हिस्सा युवाओ का है जो तीस बरस से कम उम्र के लोग है !
अगर आप गौर करे तो पायेंगे कि सारा प्रचार माध्यम और व्यापार युवाओ के खर्च करने को उत्सुक कर रहा है और उन्हे उपभोक्ताबाद के जाल मे उलझाना चाह रहा है ! निवेश को जो प्राथमिकता देनी चाहिए वो वे कर नहीं रहे है ! आप इन कुछ मुद्दों पर ध्यान दे तो आपके आने वाले समय आर्थिक दुश्वारिओ का सामना नहीं करना पड़ेगा !
अगर आप गौर करे तो पायेंगे कि सारा प्रचार माध्यम और व्यापार युवाओ के खर्च करने को उत्सुक कर रहा है और उन्हे उपभोक्ताबाद के जाल मे उलझाना चाह रहा है ! निवेश को जो प्राथमिकता देनी चाहिए वो वे कर नहीं रहे है ! आप इन कुछ मुद्दों पर ध्यान दे तो आपके आने वाले समय आर्थिक दुश्वारिओ का सामना नहीं करना पड़ेगा !
1. आवश्यक खर्चो का एक विवरण तैयार करे … जैसे महीने का राशन , गाड़ी , मोबाइल फ़ोन , आपका व्यक्तिगत खर्च , श्रीमती जी का खर्च , बच्चे है तो उनका खर्च , उनका स्कूल का खर्च , बीमा का प्रीमियम इत्यादि !
2 . इन सारे खर्च को अपने मासिक आय में से घटा दे , देखे क्या बचता है ! जो बचता है उसका आप निवेश करना शुरू करे !
3 . निवेश के लिए आपको बैसे ही योजना का चुनाव करना जो आपके अनुरूप हो ! इसमे दीर्घावधि कि योजना भी हो सकती है और छोटी अवधि की भी हो सकती है ! अब आपकी आवस्यकताए किस तरह कि है उसका अवलोकन आपको करना होगा ! इसमे अगर आप सक्षम हो तो ठीक है वरना किसी विश्वासी सलाहकार कि मदद लेना भी उचित होगा !
4 . कहते है निवेश कभी जाया नहीं जाता है चाहे वो किसी छेत्र मे हो !
5 . निवेश की अनेको योजनाए है जिनमे प्रमुखतः डाक घर कि मासिक बचत योजना , मासिक आय योजना , बैंक मे मासिक जमा योजना , एक मुस्त जमा योजना इत्यादि !
ये योजनाए सुरक्षा एबं निश्चित वापसी कि सर्बाधिक बेहतर योजनाये है जिसमें तत्काल आप निवेश बिना किसी कि सलाह लिए शुरू कर सकते है !
6 . इसके बाद आप ये देखिए की आपने जो बीमा ले रखा है उससे दुर्भाग्यवश आपके नहीं होने के बाद आपके परिवार को कितना मिलेगा क्युकि देखा ये जाता है कि लोग बीमा का प्रीमियम तो ज्यादा दे रहे है लेकिन आकस्मिक निधन कि स्थिति उनके नॉमिनी को जो क्लेम मिलता है वो एक से दो साल तक के परिवार के खर्चो की भरपाई करने के लायक ही होता है !
7 . बीमा कि योजना का चुनाव सोच समझ कर करे प्रयास करे टर्म इन्शोरेन्स लेने का इसमे आपका जो प्रीमियम का खर्च आएगा उसमे आप बेहतर बीमा कवरेज पाएंगे और आपके बाद आपकी नॉमिनी को बेहतर रकम भी प्राप्त होगा जो उस समय उन्हे जीवन में आई आर्थिक जिम्मेवारिओ को निबटाने में बेहद कारगर सावित होगी !
8 . म्युचअल फण्ड में जमा कि जो योजनाए है वह इक्विटी , डेब्ट , गोल्ड पर आधारित है ! इसमें निवेश को अपनी ज़रूरत के अनुसार बिभिन्न तरीके को अपनाकर आप कर सकते है ! अभी जो प्रचलित तरीका है उसमे सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान , फिक्स्ड मेचुरिटी प्लान , इत्यादि है !
अगर आपके निवेश कि अवधि लम्बी है तो म्युचअल फण्ड की बेहतर योजनाओ का चुनाव कर सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करे ! ध्यान रखे कि म्युचअल फण्ड की योजनाए बाज़ार के जोखिम के अधीन होती है अगर लम्बी अवधि कि जमा योजना बना कर छोटी अवधि में ही आप पैसा निकालने को तैयार हो गए और शेयर बाज़ार निचे आया हुआ है तो वैसी स्थिति में आपको नुकसान हो जायेगा इसलिए आप इस सन्दर्भ में भी किसी जानकार की मदद ले कर ही निवेश करे तो अच्छा होगा !
एक अनुभव की बात बताता हूँ साल 1 9 7 4 में बैंक में नौकरी शुरू करने वाली कि सैलरी 5 0 0 रुपए महीने की थी . . . चावल उस समय 1 रुपए 4 0 पैसे किलो था , रसगुल्ला 15 पैसे पीस था , समोसा , चाय का वही भाव था , सोना 450 रुपए में दस ग्राम था ! लोगो का खर्च मनोरंजन के नाम पर सिनेमा हॉल या रेडियो होता था सयुंक्त परिवार में लोग रहते थे ! लोगो कि सामाजिक सक्रियता बेहतर थी ! उस समय जिन लोगो ने रियल एस्टेट में सोने में ही निवेश किया उन्होंने आज क्या पाया वह आप भी बखूबी समझ सकते है ! आज सयुक्त परिवार बहुत कम बच गया एकल परिवार ही प्रचलन में है ! सामाजिक पारिवारिक असुरक्षा बढ़ गई है !आज आप नौकरी शुरू 15000 - 20000 या उससे ऊपर कि आय से शुरू करते है 40 - 50 रूपए किलो चावल खरीदते है बाकि चीज़ भी उसी तरह कि कीमत पर आपको मिलता है क्या आप समझते है कि कल भविष्य में ये कीमते कहा होगी ! आज आप युवा है खर्च का एक हज़ार प्रलोभन आपके आने बाले कल पर अपरोक्ष रूप से डाका डालने के लिए तैयार बैठा है जो पहले नहीं था ! याद रखिये आज आप जो बचत करेंगे वो कल आपके जिम्मेवारियों को निबटने में मदद तो करेगा ही आपको वैसे ही हल्का रखेगा जैसा आज आप महसूस करते है . . . युवा और तरंगित। धन्यवाद !
राजेंद्र प्रसाद वर्मा
एम्फी रजिस्टर्ड म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट प्रोफेश्नल ,पूर्णियाँ
2 . इन सारे खर्च को अपने मासिक आय में से घटा दे , देखे क्या बचता है ! जो बचता है उसका आप निवेश करना शुरू करे !
3 . निवेश के लिए आपको बैसे ही योजना का चुनाव करना जो आपके अनुरूप हो ! इसमे दीर्घावधि कि योजना भी हो सकती है और छोटी अवधि की भी हो सकती है ! अब आपकी आवस्यकताए किस तरह कि है उसका अवलोकन आपको करना होगा ! इसमे अगर आप सक्षम हो तो ठीक है वरना किसी विश्वासी सलाहकार कि मदद लेना भी उचित होगा !
4 . कहते है निवेश कभी जाया नहीं जाता है चाहे वो किसी छेत्र मे हो !
5 . निवेश की अनेको योजनाए है जिनमे प्रमुखतः डाक घर कि मासिक बचत योजना , मासिक आय योजना , बैंक मे मासिक जमा योजना , एक मुस्त जमा योजना इत्यादि !
ये योजनाए सुरक्षा एबं निश्चित वापसी कि सर्बाधिक बेहतर योजनाये है जिसमें तत्काल आप निवेश बिना किसी कि सलाह लिए शुरू कर सकते है !
6 . इसके बाद आप ये देखिए की आपने जो बीमा ले रखा है उससे दुर्भाग्यवश आपके नहीं होने के बाद आपके परिवार को कितना मिलेगा क्युकि देखा ये जाता है कि लोग बीमा का प्रीमियम तो ज्यादा दे रहे है लेकिन आकस्मिक निधन कि स्थिति उनके नॉमिनी को जो क्लेम मिलता है वो एक से दो साल तक के परिवार के खर्चो की भरपाई करने के लायक ही होता है !
7 . बीमा कि योजना का चुनाव सोच समझ कर करे प्रयास करे टर्म इन्शोरेन्स लेने का इसमे आपका जो प्रीमियम का खर्च आएगा उसमे आप बेहतर बीमा कवरेज पाएंगे और आपके बाद आपकी नॉमिनी को बेहतर रकम भी प्राप्त होगा जो उस समय उन्हे जीवन में आई आर्थिक जिम्मेवारिओ को निबटाने में बेहद कारगर सावित होगी !
8 . म्युचअल फण्ड में जमा कि जो योजनाए है वह इक्विटी , डेब्ट , गोल्ड पर आधारित है ! इसमें निवेश को अपनी ज़रूरत के अनुसार बिभिन्न तरीके को अपनाकर आप कर सकते है ! अभी जो प्रचलित तरीका है उसमे सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान , फिक्स्ड मेचुरिटी प्लान , इत्यादि है !
अगर आपके निवेश कि अवधि लम्बी है तो म्युचअल फण्ड की बेहतर योजनाओ का चुनाव कर सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करे ! ध्यान रखे कि म्युचअल फण्ड की योजनाए बाज़ार के जोखिम के अधीन होती है अगर लम्बी अवधि कि जमा योजना बना कर छोटी अवधि में ही आप पैसा निकालने को तैयार हो गए और शेयर बाज़ार निचे आया हुआ है तो वैसी स्थिति में आपको नुकसान हो जायेगा इसलिए आप इस सन्दर्भ में भी किसी जानकार की मदद ले कर ही निवेश करे तो अच्छा होगा !
एक अनुभव की बात बताता हूँ साल 1 9 7 4 में बैंक में नौकरी शुरू करने वाली कि सैलरी 5 0 0 रुपए महीने की थी . . . चावल उस समय 1 रुपए 4 0 पैसे किलो था , रसगुल्ला 15 पैसे पीस था , समोसा , चाय का वही भाव था , सोना 450 रुपए में दस ग्राम था ! लोगो का खर्च मनोरंजन के नाम पर सिनेमा हॉल या रेडियो होता था सयुंक्त परिवार में लोग रहते थे ! लोगो कि सामाजिक सक्रियता बेहतर थी ! उस समय जिन लोगो ने रियल एस्टेट में सोने में ही निवेश किया उन्होंने आज क्या पाया वह आप भी बखूबी समझ सकते है ! आज सयुक्त परिवार बहुत कम बच गया एकल परिवार ही प्रचलन में है ! सामाजिक पारिवारिक असुरक्षा बढ़ गई है !आज आप नौकरी शुरू 15000 - 20000 या उससे ऊपर कि आय से शुरू करते है 40 - 50 रूपए किलो चावल खरीदते है बाकि चीज़ भी उसी तरह कि कीमत पर आपको मिलता है क्या आप समझते है कि कल भविष्य में ये कीमते कहा होगी ! आज आप युवा है खर्च का एक हज़ार प्रलोभन आपके आने बाले कल पर अपरोक्ष रूप से डाका डालने के लिए तैयार बैठा है जो पहले नहीं था ! याद रखिये आज आप जो बचत करेंगे वो कल आपके जिम्मेवारियों को निबटने में मदद तो करेगा ही आपको वैसे ही हल्का रखेगा जैसा आज आप महसूस करते है . . . युवा और तरंगित। धन्यवाद !
राजेंद्र प्रसाद वर्मा
एम्फी रजिस्टर्ड म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट प्रोफेश्नल ,पूर्णियाँ
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