हमारे देश के सर्वमान्य विशाल जनमत के पूर्ण बहुमत से निर्वाचित नए प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की कल अमेरिका में अपने जो बिचार व्यक्त किये उनमे उंन्होने " नव माध्यम वर्ग " की चर्चा की बताया कि इस वर्ग को जो इस समाज में उभरा है इसे सहयोग देने की आवश्यकता है ठीक ही कहा है ! आइये इस पर हम चर्चा करे !
हमारा देश और इसकी संस्कृति सदियों से अपनी आर्थिक , सामाजिक , जातिगत , बैचारिक परम्पराओ और अवधारणाओं को लेकर चलती चली आ रही है और समयानुसार इसमे अनेको बदलाब भी हुए है ! अगर हम गौर करे तो पाएंगे कि 2003 के बाद बदलाव का सिलसिला रफ़्तार मे आना शुरू हुआ !
पहले अच्छी डिग्री के लिए खर्च करना यानि इंजीनियर , डॉक्टर बनाना उच्च मध्यम वर्ग की प्रथम जरुरत थी जो बाद में निम्न मध्यम वर्ग मे आंदोलित हो गई ! इस वर्ग ने जो इस तरह के सपनो को बुनना शुरू किया तो पहली लड़ाई उनकी अपने ही परिवार में चल रहे रूढिबादी सोच जैसे " क्या होगा पढाई पर बहुत खर्च करके , नौकरी नही मिलती है वग़ैरह - वग़ैरह ! इस वर्ग के लोगो ने अपने अपनी ताक़त से आगे बढ़ कर खर्च किया ! निजी स्कूल , कॉलेज की एक बड़ी जमात इसी वर्ग से अपनी सम्पन्नता को बढ़ा कर लखपति से करोड़ पति और अरबपति होने जा रहे है ! चलिए पीछे पलट कर देखते है इस " नव मध्यम वर्ग " के लोगो को परिवार परम्परा के विद्रोही तेवर का परिणाम भी भुगतना पड़ा ! पारिवारिक हिस्सेदारी से महरूम किया गया .... अलग सोच और व्यक्ति की परिभाषा दी गई ! देखिए यहाँ भी क्रांति की ज्वाला थी जिसका रंग माननीय अन्ना हजारे जी आंदोलन में उत्साही युवाओ की विशाल समूह में दिखा ! मोदी जी जब उम्मीद की बात करते है तो वो इसी वर्ग को ध्यान में रख कर करते है ! क्यूंकि देश के नव निर्माण में इंन्ही की सक्रिय भूमिका होने वाली है !
ऐसा नहीं है की मोदी कोई नई बात कह रहे है बात पहले से चल रही है लेकिन प्रयास ईमानदारी के साथ करने का श्रेय यक़ीनन मोदी जी को ही जाता है ! अभी अगर अमेरिका दौरे को देखे और उनकी वहां व्यापारी वर्ग , पूंजी निवेश समूह की सभाओ में सरल तरीके से भारत में निवेश को लाने की जो दलीले प्रस्तुत की है वह उनके कथनी करनी में समाजयस्तता का एक बेहतर उदहारण है !
इन वक्तव्यों में एक इशारा वैसे भारतीय युवाओं के लिए भी है जो उद्यम शील है ! बड़े उद्योग जहा लगते है वहाँ वैसे छोटे - छोटे उद्योग भी लगते जो उस बड़े उद्योग के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाली वस्तु का कोई छोटा पुर्जा होता है उस का निर्माण कर सफल उद्योगपति है ! लुधिआना , रोहतक चंडीगढ़ ऐसे जगह पर इसके अनेको उदहारण मौजूद है ! जब हम अपने देश के विकास की बात को सोचते है तो हमारी भी जिम्मेवारी बनती है की हम भी ईमानदार प्रयास सच्चे लगन से करे क्यूंकि अपने आपको सार्थक व्यक्ति अपने कर्म के माध्यम से ही करता है ! वैसे युवा जो कार्यछेत्र में लगे हुए है उनको नई - नई नौकरी के एक से बढ़कर एक अवसर मिलने की संभावना है !
आज युवाओ को आगे बढ़ने के सपने देखने चाहिए और अपने आप को बेहतर गुणवत्ता से परिपूर्ण करना चाहिए ! गुणवत्ता ही आपकी असली ताक़त होगी जो आपको उस समय जब रोजगार के लिए अवसर खुलेंगे तो आप अपने को आसानी से वहाँ पर स्वीकृत करवा लेंगे !
राजेंद्र प्रसाद वर्मा
30 सितम्बर 2014
ऐसा नहीं है की मोदी कोई नई बात कह रहे है बात पहले से चल रही है लेकिन प्रयास ईमानदारी के साथ करने का श्रेय यक़ीनन मोदी जी को ही जाता है ! अभी अगर अमेरिका दौरे को देखे और उनकी वहां व्यापारी वर्ग , पूंजी निवेश समूह की सभाओ में सरल तरीके से भारत में निवेश को लाने की जो दलीले प्रस्तुत की है वह उनके कथनी करनी में समाजयस्तता का एक बेहतर उदहारण है !
इन वक्तव्यों में एक इशारा वैसे भारतीय युवाओं के लिए भी है जो उद्यम शील है ! बड़े उद्योग जहा लगते है वहाँ वैसे छोटे - छोटे उद्योग भी लगते जो उस बड़े उद्योग के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाली वस्तु का कोई छोटा पुर्जा होता है उस का निर्माण कर सफल उद्योगपति है ! लुधिआना , रोहतक चंडीगढ़ ऐसे जगह पर इसके अनेको उदहारण मौजूद है ! जब हम अपने देश के विकास की बात को सोचते है तो हमारी भी जिम्मेवारी बनती है की हम भी ईमानदार प्रयास सच्चे लगन से करे क्यूंकि अपने आपको सार्थक व्यक्ति अपने कर्म के माध्यम से ही करता है ! वैसे युवा जो कार्यछेत्र में लगे हुए है उनको नई - नई नौकरी के एक से बढ़कर एक अवसर मिलने की संभावना है !
आज युवाओ को आगे बढ़ने के सपने देखने चाहिए और अपने आप को बेहतर गुणवत्ता से परिपूर्ण करना चाहिए ! गुणवत्ता ही आपकी असली ताक़त होगी जो आपको उस समय जब रोजगार के लिए अवसर खुलेंगे तो आप अपने को आसानी से वहाँ पर स्वीकृत करवा लेंगे !
राजेंद्र प्रसाद वर्मा
30 सितम्बर 2014